कोमल कुसुम ये मन-प्रसून,
और कठोर सा काल-पटल,
टकराया, गिरा, औ' फिर उठा,
है वज्र बना ये पिस-पिस कर.
अपनी कमज़ोरी से मैंने
ताकतवर बनना सीखा है.
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है.
जिसने पीड़ा को अपनाया,
है जिसने रुद्न-गीत गाया,
उसने ही खुशियों का दामन
आजीवन मन में है पाया.
मैंने दुःख में भी दमभर कर
हँसना-मुस्काना सीखा है.
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है.
हो लाख बला तूफानों में,
या चलना हो पाषाणों में,
होती हो कहीं अग्निवृष्टि,
मैं हूँ स्थिर इन प्राणों में.
डगमग से पथ पर भी मैंने
खुद संबल देना सीखा है,
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है.
Picture Courtesy: http://www.markeirhart.com/storm-abstract-art-painting.htm
बहुत खूब मधुरेश भाई. वही पुराना शेर जो बरसों पहले सुना था याद आया.
ReplyDeleteइस तरह तय की ही हमने मंजिलें
गिर गये, गिरकर उठे, फिर चले
बहुत अच्छा लिखा...जीना है तो हर हाल में खुश रहो...चाहे जो सितम आए कदम रुकने न पाए!
ReplyDelete...बस यूहीं ही जीना सीखते हैं :))))
ReplyDeleteAisi kamzori ko salaam, jo taakatwar banna sikhade!
ReplyDeleteअपनी कमज़ोरी से मैंने
ReplyDeleteताकतवर बनना सीखा है.
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है..bilkul sahi bat apni kamjori ko jaane tabhi hm takatwar bn sakte hain....
मैंने दुःख में भी दमभर कर
ReplyDeleteहँसना-मुस्काना सीखा है.
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है.... जीवन का अर्थ इसी दुःख की मुस्कान में है
मैं हूँ स्थिर इन प्राणों में.
ReplyDeleteडगमग से पथ पर भी मैंने
खुद संबल देना सीखा है,
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है.,,,
दुख सुख ही जीवन है,,,,इसी का नाम जिन्दगी है,,,,,
RECENT POST : समय की पुकार है,
डगमग से पथ पर भी मैंने
ReplyDeleteखुद संबल देना सीखा है,
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है.
सकारात्मक सोच की ऊर्जा लिए विचार.....
पूरी कविता ही प्रेरणात्मक भाव से ओत प्रोत है..बधाई.
ReplyDeleteआशा से पूरित ये कविता बहुत सुन्दर लगी।
ReplyDeleteहो लाख बला तूफानों में,
ReplyDeleteया चलना हो पाषाणों में,
होती हो कहीं अग्निवृष्टि,
मैं हूँ स्थिर इन प्राणों में.
डगमग से पथ पर भी मैंने
खुद संबल देना सीखा है,
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा
जीवन को जीने का यह अंदाज बहुत ही बढिया... लाजवाब प्रस्तुति
डगमग से पथ पर भी मैंने
ReplyDeleteखुद संबल देना सीखा है,
हाँ, कुछ यूँ जीना सीखा है.
...लाज़वाब प्रेरक अभिव्यक्ति...शब्दों और भावों का सुन्दर संयोजन..
जीवन को जीने का यह अंदाज...लाजवाब..लाजवाब
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