बहुत दिनों से ब्लॉग जगत से दूर रहा। बहुत 'मिस' भी करता रहा। शोध कार्य चरम पर था, अतः व्यस्तता बढ़ गयी। ईश्वर के कृपा से पीएचडी पूरी हो गयी! अब नियमबद्ध यहाँ आते-जाते रहने का प्रयास रहेगा।
चिरनिद्रा सी जीवन तम में,
विराज रही जाने किस भ्रम में!
इक आहट जो होश में लाये,
भयाक्रांत, व्याकुल कर जाए।
जो क्षण सत्य का भान कराये,
वही न जाने क्यूँ छिप जाए!
बढ़ता पग जब थम-थम जाये,
ये मूढ़ फिर किस पथ जाये?
बाहर का कौतूहल सारा,
बस प्रयास निष्फल-निस्सारा।
फिर भी मूढ़ा दौड़ रहा है,
व्यर्थ की कौड़ी जोड़ रहा है!
दो क्षण भीतर झाँक है लेता,
औ' स्व को है सांत्वना देता,
'मैं हूँ!', हाँ, मैं सचमुच में हूँ!
थोड़ा सा हूँ, पर तुझमें 'हूँ'!
Picture Courtesy: http://pre14.deviantart.net/695f/th/pre/i/2015/234/8/3/abstract_shiva_by_ani460-d96pcpy.jpg
मधुरेश भाई....इस सफलता पर हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 24 अक्टूबर 2016 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteथोडा सा हूँ, पर तुझ में हूँ.
ReplyDeleteखुद से खुद का मिलना
क्या गजब कि अनुभूति होती है... नही...???
बधाई हो भाई.
रू-ब-रू
पीएच0 डी0 पूरी होने की बधाई । सुन्दर अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteपीएच0 डी0 पूरी होने की बधाई
ReplyDelete'मैं हूँ!', हाँ, मैं सचमुच में हूँ!
ReplyDeleteथोड़ा सा हूँ, पर तुझमें 'हूँ'! ... बहुत बढ़िया
शोध पूरा हुआ, बहुत बधाई
ReplyDeleteअहा !!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना है।
ReplyDeleteCongrats on the PhD!
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लेख है Movie4me you share a useful information.
ReplyDeletewebinhindi
ReplyDeleteआपकी लेख बहुत ही अद्भुत है। इस लेख के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया।
very useful information.movie4me very very nice article
ReplyDeleteWhat a great post!lingashtakam I found your blog on google and loved reading it greatly. It is a great post indeed. Much obliged to you and good fortunes. keep sharing.shani chalisa
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 14 मई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteकहाँ हो...
ReplyDeleteमधुरेश भाई आपकी नयी कविताओं का इंतज़ार है.
ReplyDeleteWhat an Article Sir! I am impressed with your content. I wish to be like you. After your article, I have installed Grammarly in my Chrome Browser and it is very nice.
ReplyDeleteunique manufacturing business ideas in india
New business ideas in rajasthan in hindi
blog seo
business ideas
hindi tech
सुस्वागतम्! अति प्रसन्नता हो रही है आपको पुनः पढ़ कर। कमेंट बॉक्स नहीं खुल रहा है मुख्य पृष्ठ का।
ReplyDelete