Monday, February 28, 2011

चाय


चाय की अलग ही बात है!
चाहत इसकी बड़ी निराली.
शाम पकोड़े संग हो,
या सुबह की गरम प्याली.
ये स्वागत-सत्कार
का है मुख्य आधार.
हिंदी हो या चीनी,
पिए सारा संसार.
कोई अगर घर आये,
तब इतना तो निभायिये,
कहिये - 'ज़रा बैठिये,
चाय तो पीते जाईये'.
इज्ज़त बनाने में,
या फिर उतारने में,
इसके बराबर का
न और कोई दूजा.
ग़र न पिलाई चाय,
तो कहेंगे यार
कि 'कमबख्त ने
चाय तक नहीं पूछा!'
चाय है गपशप का,
सबसे बड़ा बहाना .
चाय है उपाय,
जब सुस्ती हो भगाना .
भाई मेरी न मानिए,
खुद की न मानिए,
मगर इसका महत्व,
ज़रा उनसे पहचानिए,
जो करते हैं  PhD ,
काम जिनका 'खीर टेढ़ी'.
फिर भी कितनी तन्मयता से
ये 'चाय-धर्म' निभाते हैं!
दिन में दो-चार बार
चाय पीने ज़रूर जाते हैं.


Thursday, February 24, 2011

दिनकर सा अग्नि में जल तू

    

दिनकर सा अग्नि में जल तू,
पथरीले राहों पे चल तू,
तूफानों को बाँध ह्रदय में
रह इस पथ पर अडिग अटल तू.

तप  की अग्नि से उज्जवल तन हो,
करुणा-दीप से रोशन मन हो,
विपदाओं से घिरी धरा में,
सींच ह्रदय में अथाह बल तू.

सुख की चाह तो क्षणभंगुर है,
ऐसे जीने में क्या गुर है,
वो नर क्या जो मखमल चाहे,
मांग विधा से कंटक-तल तू.

Monday, February 21, 2011

मधुमास



मन की अनबन को छोड़ सखी,
मैं चली पिया के पास.
जो जग छूटे, मोह न मोहे,
बरबस बस इक आस.

पिया प्रेम के आराधन हैं,
उर में उनका वास.
इस बौरन ने घट-घट ढूँढा,
उनका प्रेम निवास.

अथक साधना से पाया है,
ये पावन एहसास.
जो कुछ भी है, सब तेरा है,
तेरी हर इक सांस.


पूर्ण समर्पण मेरा जीवन,
अब ना कोई कयास.
पिया पियारे तीन रंगों में,
रंगा मेरा मधुमास.




Picture Courtsey: Oil paintings reshared from the blog- http://jeanleverthood.blogspot.com/2009/05/poppies-oil-painting-yes-more-poppies.html

Wednesday, February 16, 2011

क्या तुम-सा कोई और कहीं है?




तुम हो जैसे शहद सुमन में.
पारिजात किसी कानन में.
या पावन अभिलाषा कोई
किसी मनीषि के साधन में.
गीत नया है, रीत नयी है.
क्या तुम-सा कोई और कहीं है?


तुम्हे देख मन खिल जाता है,
अपने बिम्ब से मिल जाता है.
जब भी तुम सन्मुख होती हो,
अंतर्मन निखिल पाता है.
तुम हो जहां, बहार वहीँ है.
क्या तुम-सा कोई और कहीं है?


मीठी-प्यारी तुम्हारी बातें,
रोम-रोम पुलकित कर जाती.
इक मधुर मुस्कान तुम्हारी
बुझता मन जीवित कर जाती.
तुम-सा सानी कहीं नहीं है.
क्या तुम-सा कोई और कहीं है?


Picture: A shot taken in Kem Sentosa (Malaysia)


For my hypothetical girlfriend, jo hai, kahin na kahin! :)