तुम हो जैसे शहद सुमन में.
पारिजात किसी कानन में.
या पावन अभिलाषा कोई
किसी मनीषि के साधन में.
गीत नया है, रीत नयी है.
क्या तुम-सा कोई और कहीं है?
तुम्हे देख मन खिल जाता है,
अपने बिम्ब से मिल जाता है.
जब भी तुम सन्मुख होती हो,
अंतर्मन निखिल पाता है.
तुम हो जहां, बहार वहीँ है.
क्या तुम-सा कोई और कहीं है?
मीठी-प्यारी तुम्हारी बातें,
रोम-रोम पुलकित कर जाती.
इक मधुर मुस्कान तुम्हारी
बुझता मन जीवित कर जाती.
तुम-सा सानी कहीं नहीं है.
क्या तुम-सा कोई और कहीं है?
Picture: A shot taken in Kem Sentosa (Malaysia)
For my hypothetical girlfriend, jo hai, kahin na kahin! :)
school ki yaadein taazi ho gayi..u r a grt multi talented guy. hats off for u always...wanna hear some old songs from u..i wish u were here... :(
ReplyDeleteReally great
ReplyDeleteman khush ho gaya
tum sa koi kahin nahi hai :) well written
ReplyDeletehats off for u ... :) ultimate ...
ReplyDeletetussi gr8 ho ji ....
beautiful!
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