Wednesday, November 21, 2012

The Two Angels (दो परियाँ)



मन सुरभित, जीवन सुरभित,
ये हर्ष, प्रमोद की वाहिनी,
करतीं मृदुल मुस्कान लिए
हैं अठखेलियाँ मनभावनी।

जो लेता इनको गोदी में,
खुद ही इतराता फिरता है,
खिंचवा इनके संग-संग फोटो
क्या ही इठलाता फिरता है!

इनकी ममता पूजा जैसी,
वात्सल्य स्वयं सौरभ जैसा,
महके घर-आँगन नित इनसे,
चहकें तो स्वर्ग कहाँ ऐसा !

इन्हें देख नयन यूँ चमके हैं,
ज्यों चाँद हो पूनम श्रावणी,
हैं मनमोहक मनभावनी,
ये हर्ष, प्रमोद की वाहिनी!

:) :)


To my lovely niece-twins

14 comments:

  1. उषा की स्वर्णिम ललि .....दोनों ही .....!!
    मन खुश हो गया रचना पढ़ कर ...!!
    शुभकामनायें ....

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  2. इन्हें देख नयन यूँ चमके हैं,
    ज्यों चाँद हो पूनम श्रावणी,
    हैं मनमोहक मनभावनी,
    ये हर्ष, प्रमोद की वाहिनी!

    बच्चों की तो बात ही कुछ और होती है।
    बेहद अच्छी कविता।

    सादर

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  3. ये हर्ष, प्रमोद की वाहिनी!
    बिल्‍कुल ... बहुत ही अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने

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  4. सुन्दर कविता मधुरेश भाई.

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  5. वाह वाह बहुत ही सुन्दर........कविता और दोनों ही परियाँ....ये परियाँ आपकी है क्या?

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  6. इन्हें देख नयन यूँ चमके हैं,
    ज्यों चाँद हो पूनम श्रावणी,
    हैं मनमोहक मनभावनी,
    ये हर्ष, प्रमोद की वाहिनी!,,,बहुत ही सुंदर रचना,,,

    recent post : प्यार न भूले,,,

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  7. so so so very sweeeeeeet.....
    god bless them both...
    any one can write beautiful poems after seeing such cute creations of god :-)
    love
    anu

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  8. its very beautiful bhaiya... and the twins are lovely... :)

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  9. सुन्दर रचना

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  10. बहुत प्यारी कविता ! और हो भी क्यों ना? आसमान से इतनी प्यारी प्यारी पारियाँ जो उतरीं...!:)
    May God Bless Them & You too !!!:)

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  11. अरे !! यह पोस्ट मैं नहीं देख पाई
    दोनो परियों को ढेर सारा प्यार !!
    उनके लिए लिखी गई उत्कृष्ट रचना !!

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  12. बहुत प्यारी हैं दोनो परियां, दोनों को हमारा ढेर सारा स्नेह...सुन्दर कविता... नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

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