Wednesday, April 25, 2012

ऐ दिल, थोड़ी-सी शरारत कर ले ~~


ऐ दिल, थोड़ी-सी शरारत कर ले,
ये शराफ़त नहीं साथ निभानेवाली
जश्न-ए-ज़िन्दगी का इक प्याला भर ले,
कि लौट के ये वापस नहीं आनेवाली
ऐ दिल, थोड़ी-सी शरारत कर ले ~~

तू जानता है कि होता नहीं ख़यालों में
इश्क की बात नहीं बात फ़साने वाली
बनके उड़जा तू वो पंछी जिसे परवाह नहीं
कब तलक आएगी वो ठौर ठिकाने वाली
ऐ दिल, थोड़ी-सी शरारत कर ले ~~

सुकूँ चाहता है तो घिरा हुआ-सा है क्यूँ?
बंद दीवारों में नहीं ताज़ी हवा आनेवाली
ऐ दिल, थोड़ी-सी शरारत कर ले ~~
ये शराफ़त नहीं साथ निभानेवाली


Picture Courtesy: Priyadarshi Ranjan 

20 comments:

  1. बिलकुल कर ली जाये शरारत....................
    थोडा उड़ लिया जाये....थोडा जी लिया जाये.................

    बहुत सुंदर मधुरेश.

    अनु

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  2. बिलकुल कर ली जाये शरारत....................
    थोडा उड़ लिया जाये....थोडा जी लिया जाये.................

    बहुत सुंदर मधुरेश.

    अनु

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  3. मीठी शरारत ही तो प्यारी शराफत बन कर दिल को लुभाता है.. अच्छी लगी..

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  4. करें शरारत - लें मजे , किंतु रहे ये ध्यान
    सबको न्यारा सुख मिले, होय नहीं नुकसान.

    प्यारी रचना.....

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  5. शराफत भी हद से अधिक जानलेवा होती है
    तो शरारत भी ज़रूरी है जीने के लिए ...

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  6. बढ़िया प्रस्तुति ।

    बधाई स्वीकारें ।।

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  7. बहुत सही कहा है ...

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  8. जश्न-ए-ज़िन्दगी का इक प्याला भर ले,
    कि लौट के ये वापस नहीं आनेवाली
    वाह !!!! क्या बात है सुंदर प्रस्तुति,..मधुरेश जी

    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: गजल.....

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  9. sahi kaha aapne thodi shararat bhi jaruri hai

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  10. सुकूँ चाहता है तो घिरा हुआ-सा है क्यूँ?
    बंद दीवारों में नहीं ताज़ी हवा आनेवाली

    bahut khubsurat.

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  11. सुकूँ चाहता है तो घिरा हुआ-सा है क्यूँ?
    बंद दीवारों में नहीं ताज़ी हवा आनेवाली

    अच्छी सेहत के लिए ताजी हवा जरूरी है
    जीने के लिए थोड़ी मस्ती भी जरूरी है

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  12. इस जज़बे के साथ तो कई गुनाह भी चुटकियों में माफ़ हो जाते हैं ......!

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  13. सुकूँ चाहता है तो घिरा हुआ-सा है क्यूँ?
    बंद दीवारों में नहीं ताज़ी हवा आनेवाली

    सार्थक सुंदर अभिव्यक्ति ...
    शुभकामनायें ...

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  14. हलकी फुलकी शरारत का अपना ही मज़ा है.

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  15. हलकी फुल्की शरारत भी बहुत जरुरी है.

    सुंदर प्रस्तुति.

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  16. Wow...Such a lovely and full of life poem. Makes your day when you read such a piece.

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  17. हर रिश्तो में थोड़ी शरारत तो होनी ही चाहिए
    बहुत ही बढ़िया रचना...

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  18. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति । आप तो भूल ही गए पर मैं आपका भुल नही पाया हूँ । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा । धन्यवाद ।

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  19. सुकूँ चाहता है तो घिरा हुआ-सा है क्यूँ?
    बंद दीवारों में नहीं ताज़ी हवा आनेवाली ...

    सच है मन के सभी किवाड़ खोल के ताज़ी हवा का आनंद लेना चाहिए ... हमेशा बच्चों सा शरारती होना चाहिए ...

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