कुछ ख्यालों को पर्दों में ही रखा करो,
सब बेनकाब ही हों, ये सूट नहीं करता.
तमाम बातें यूँ दिल पे न लिया करो,
सब लाजवाब ही हों, ये सूट नहीं करता.
कभी चुपचाप खुद से भी कुछ कहा करो,
सब शोर-ए-आब ही हो, ये सूट नहीं करता.
हर हुस्न है दीद के काबिल यहाँ मगर
सब बेहिजाब ही हों, ये सूट नहीं करता.
हर जाम में होता है इक नशा 'मधुर'
सब में शराब ही हो, ये सूट नहीं करता.
Picture Courtesy: http://url123.info/3174ebe8
वाह ...बहुत बढिया।
ReplyDeleteबहुत खूब....
ReplyDeleteकुछ ख्यालों को पर्दों में रखा करो,
ReplyDeleteसब बेनकाब हों, ये सूट नहीं करता... excellent
बहूत हि बढीया ..
ReplyDeleteहर पंक्ती लाजवाब है ...
होली कि शुभकामनाये
सुन्दर प्रस्तुति ||
ReplyDeleteदिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
dineshkidillagi.blogspot.com
होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।
मधुशाला को लिंक करने के लिए बहुत आभार,
Deleteहोली की रंग-बिरंगी शुभकामनाओं सहित,
सादर
मधुरेश
Seriously, mazza aa gaya padh kar....Too good:)
ReplyDeleteMadhuresh ji
ReplyDeleteaapki ghajal bahut acchi lagi.
Holi ki hardik subhkamnai.
भई वाह, हम दाद न दें सूट नहीं करता.
ReplyDeleteitni achchi gajal padhe aur tareef na kare
ReplyDeleteye suit nahin karta...bahut sundar
वाह! बहुत खूब :)
ReplyDeleteमेरे नए ब्लॉग पर आप का स्वागत है
स्वास्थ्य के राज़ रसोई में: आंवले की चटनी
razrsoi.blogspot.com
wow! :) kya mast kaha hai aapne :)
ReplyDeleteप्रविष्टि लिंक करने के लिए बहुत आभार,
ReplyDeleteहोली की रंग बिरंगी शुभकामनाओं सहित,
सादर
मधुरेश
हर हुस्न है दीद के काबिल यहाँ मगर
ReplyDeleteसब बेहिजाब ही हों, ये सूट नहीं करता.
.......इस उत्कृष्ट रचना के लिए ... बधाई स्वीकारें.
बहुत सुन्दर. सुन्दर भावपूर्ण रचना
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