Monday, March 5, 2012

सूट नहीं करता


कुछ ख्यालों को पर्दों में ही रखा करो,
सब बेनकाब ही हों, ये सूट नहीं करता.

तमाम बातें यूँ दिल पे न लिया करो,
सब लाजवाब ही हों, ये सूट नहीं करता.

कभी चुपचाप खुद से भी कुछ कहा करो,
सब शोर-ए-आब ही हो, ये सूट नहीं करता.

हर हुस्न है दीद के काबिल यहाँ मगर
सब बेहिजाब ही हों, ये सूट नहीं करता.

हर जाम में होता है इक नशा 'मधुर'
सब में शराब ही हो, ये सूट नहीं करता.

Picture Courtesy: http://url123.info/3174ebe8

15 comments:

  1. वाह ...बहुत बढिया।

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  2. कुछ ख्यालों को पर्दों में रखा करो,
    सब बेनकाब हों, ये सूट नहीं करता... excellent

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  3. बहूत हि बढीया ..
    हर पंक्ती लाजवाब है ...
    होली कि शुभकामनाये

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  4. सुन्दर प्रस्तुति ||

    दिनेश की टिप्पणी : आपका लिंक
    dineshkidillagi.blogspot.com
    होली है होलो हुलस, हुल्लड़ हुन हुल्लास।
    कामयाब काया किलक, होय पूर्ण सब आस ।।

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    1. मधुशाला को लिंक करने के लिए बहुत आभार,
      होली की रंग-बिरंगी शुभकामनाओं सहित,
      सादर
      मधुरेश

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  5. Seriously, mazza aa gaya padh kar....Too good:)

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  6. Madhuresh ji
    aapki ghajal bahut acchi lagi.
    Holi ki hardik subhkamnai.

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  7. भई वाह, हम दाद न दें सूट नहीं करता.

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  8. itni achchi gajal padhe aur tareef na kare
    ye suit nahin karta...bahut sundar

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  9. वाह! बहुत खूब :)

    मेरे नए ब्लॉग पर आप का स्वागत है

    स्वास्थ्य के राज़ रसोई में: आंवले की चटनी
    razrsoi.blogspot.com

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  10. wow! :) kya mast kaha hai aapne :)

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  11. प्रविष्टि लिंक करने के लिए बहुत आभार,
    होली की रंग बिरंगी शुभकामनाओं सहित,
    सादर
    मधुरेश

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  12. हर हुस्न है दीद के काबिल यहाँ मगर
    सब बेहिजाब ही हों, ये सूट नहीं करता.
    .......इस उत्कृष्ट रचना के लिए ... बधाई स्वीकारें.

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  13. बहुत सुन्दर. सुन्दर भावपूर्ण रचना

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