क्या आपको लगता है,
यूँही निकल आते हैं
किसी में हिंदी के पर?
हैरत न होगा जो कहूँ
कि हिंदी का सागर है
हमारा प्यारा घर!
बड़े ही प्रेम से पुत्र-पुत्र कहकर
पुकारती हैं मुझे,
मेरी ही माताश्री!
और मेरी नटखट शरारती बहने भी
कहती हैं मुझे
प्यारे 'भ्राताश्री'!
त्रेता औ' द्वापर की कहानियां
दूरदर्शन से भले ही बीत हो गयीं,
रामायण औ' महाभारत की परन्तु
हमारे घर में सदा की रीत हो गयी!
नानाजी को नमस्कार करते ही
उनके मुखसे 'चिरंजीवी भव:'
के शब्द निकलते थे!
और भीष्म ने क्या दी होगी
जितनी शिक्षा हमारे पितामह
स्वयं ही दिया करते थे!
पिताश्री स्वयं ही
काव्य के महासागर हैं,
और मेरे अनुज भी
शेर-ओ-शायरी में
उदीयमान तारावर हैं!
लोग कहते हैं तुम्हारी हिंदी ही
भला क्या कोई कम है !
सीधे-सीधे क्यूँ नहीं कहते कि
कमबख्त खानदानी प्रॉब्लम है!
अब कहिये इतने शब्दों का
बोझ मैं कब तक ढ़ोऊँ?
क्यूँ ना अपनी रचनाओं से
हिंदी के कुछ नए बीज बोऊँ?
इल्म है मुझे कि मेरी संतानें जब
बरसो बाद इन पौधों को देखेंगी,
पढ़ेंगी कितना पता नहीं, पर
'योर हिंदी वाज़ कूल' अवश्य कहेंगी!
Picture Courtesy: http://www.shutterstock.com/pic-47631088/stock-vector-cartoon-family-portrait.html
last line mast hai
ReplyDeletehindi sach me nirali hai,
ReplyDeleteshabdo ka jadu poochhiye mat
aapki hindi thandi hai....
ReplyDeletehindi mein jo baat hai
ReplyDeletehriday mein sama jati hai l
apki rachna padke
hindi mein apki abhiruchi
sarahniya lagti hai!!
अब कहिये इतने शब्दों का
ReplyDeleteबोझ मैं कब तक ढ़ोऊँ?
क्यूँ ना अपनी रचनाओं से
हिंदी के कुछ नए बीज बोऊँ?
बहुत सुन्दर ... वाकई योर हिंदी इज़ कूल ..
आपकी कई रचनाएँ पढ़ीं .. बहुत अच्छा लिखते हैं ..आपके ब्लॉग का पता चला मेरे ब्लॉग पर आपके आगमन से .. आभार
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
Aise hi likhte raho..
ReplyDeleteaur hindi ke naye naye beej bote raho
Hindi to apni life h....
ReplyDeleteu r heartily invited to my Blog
यहाँ मेरी पहली टिप्पणी नहीं दिखाई दे रही है ..वार्ड वैरिफिकेशन हटाने की गुजारिश की थी
ReplyDeleteसंगीता स्वरुप जी, अनुशंषा के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteमेरी 'मधुशाला' में आपका हार्दिक स्वागत है!
बहुत बढ़िया,
ReplyDeleteबड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....
एकदम अलग सी कविता...बहुत अच्छी लगी...और बेहद 'कूल' भी :)
ReplyDeleteबहुत बहुत प्यारी रचना है...
ReplyDeleteआपने कलम उठाई है तो आने वाली पीढ़ियों के लिए धरोहर तो निर्मित हो ही रहा है प्रतिपल!
ढ़ेर सारा स्नेह, आशीष एवं शुभकामनाएं!