सांवली
हाँ, सांवली है वो!
और उसका रूप भी तो
इसी सांवलेपन से निखरता है!
उसका सांवलापन ही उसमे
कनक-सी आभा बिखेरता है!
उसके मुख-विन्द को
अनुपम-सा ओज देता है!
उसके होठो की मुस्कान को
माधुर्य-सिक्त कर देता है!
अगर वो गोरी होती,
तो ये बात होती ही नहीं!
इसीलिए तो सांवली है,
या फिर वो होती ही नहीं!
khubsurat hai
ReplyDeleteबहुत खूब!
ReplyDeletesawla rang bhi bahut khoobsurat hota hai.
ReplyDeleteReally very niceeeeee
ReplyDeleteMamta ji, Yashvant ji, Anamika ji: Bahut shukriya pratikriya ke liye...
ReplyDeleteकुछ अलग सी रचना ...
ReplyDeleteशुभकामनायें !
bahut sundar
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteअत्यंत सुन्दर ..
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteअनुपम!!!
साँवलापन और भी हसीन हो गया
ReplyDeleteनज़र में नजारा नमकीन हो गया.
बहुत सुन्दर..शुभकामनायें
ReplyDelete