Sunday, January 22, 2012

सांवली



सांवली
हाँ, सांवली है वो!
और उसका रूप भी तो
इसी सांवलेपन से निखरता है!
उसका सांवलापन ही उसमे
कनक-सी आभा बिखेरता है!
उसके मुख-विन्द को
अनुपम-सा ओज देता है!
उसके होठो की मुस्कान को
माधुर्य-सिक्त कर देता है!
अगर वो गोरी होती,
तो ये बात होती ही नहीं!
इसीलिए तो सांवली है,
या फिर वो होती ही नहीं!

13 comments:

  1. Mamta ji, Yashvant ji, Anamika ji: Bahut shukriya pratikriya ke liye...

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  2. कुछ अलग सी रचना ...
    शुभकामनायें !

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  3. बहुत भावपूर्ण रचना...

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  4. बहुत भावपूर्ण रचना...

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  5. अत्यंत सुन्दर ..

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  6. साँवलापन और भी हसीन हो गया
    नज़र में नजारा नमकीन हो गया.

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  7. बहुत सुन्दर..शुभकामनायें

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