मैंने जितना
पाके खोया,
उससे ज़्यादा
खोके पाया.
और अब सोचता,
इस अतीत में,
कितना खोया!
कितना पाया!
क्या समृद्धि
पाना ही है?
या फिर वृद्धि
खोना भी है!
ये भी जानना
ज़रूरी है कितना!
कि क्या खोया है,
क्या पाया है !!
Picture: River Manas, India-Bhutan border (Courtsey: Amit Raj Singh)
Bahut sahi..Sadhanyavaad!!
ReplyDeleteबहुत सही चिंतन!
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