एक वृत्त बाहर,
एक वृत्त भीतर
सिकुड़ती त्रिज्याएँ,
घुलती मिथ्याएं
सघन संकुचन,
अंतस क्रंदन
उच्छावास-निश्वास मे
उलझा हुआ प्राण,
निर्वात को कहे क्या-
जीवन या मृत्यु?
जो ये सिकुड़न घोल दे
भीतर का वृत्त,
तो कर्म के बंधन में
फिर से आवृत्त
एक जीवन फिर ढूँढूँगा
या फिर टूट जाय अगर
बाहर का वृत्त,
तो हो जाऊं अन्वृत्त,
अनाकार, निर्विचार
जीवन से परे-
या मृत्यु में घुल जाऊंगा?
बहुत गहराई से लिखा है आपने मधुरेश भाई. बधाई. आशा करता हूँ बहिर्वृत्त का स्फार बढे, वो दीर्घवृत्त बने या या फिर वृत्त की त्रिज्यायों से यंत्रित ना रह उसे तोड़ ही दे लेकिन कर्मपथ पर सदैव उर्ध्वगामी रहे. अशेष शुभकामनायें.
ReplyDeleteसभी वृत्त का केन्द्रविंदु एक ही है .केंद्र के सबसे नजदीक का वृत्त जन्म का और सबसे दूर का वृत्त जीवन की समाप्ति का निशान है. जिंदगी इन दोनों वृत्त के बीच के सभी वृत्तों से होकर गुजरता है ---गहरी सोच
ReplyDeletelatest post: यादें
कल 12/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
गहरी अभिव्यक्ति ....शुभकामनायें
ReplyDeleteअंदर बाहर के वृत्त के अनावृत्त होने की अभिव्यक्ति ... जबकि दोनों एक ही धुरी से जुड़े हैं ... गहरे भाव ...
ReplyDeleteनिशब्द हूँ अत्यंत ही गहन पोस्ट ।
ReplyDeleteकाफी दिनों बाद सक्रीय होने की शिकायत थी आपसे परन्तु इतनी सुन्दर पोस्ट पढ़ाने के लिए आपको माफ़ किया :-))
बहुत गहरी बात ...अच्छी प्रस्तुति.... शुभकामनायें...
ReplyDeleteVery Deep and thoughtful...
ReplyDeleteगहरी बात........बहुत अच्छी प्रस्तुति...
ReplyDeleteगहन प्रस्तुति..
ReplyDeleteगहन अभिवयक्ति......
ReplyDeleteतो हो जाऊं अन्वृत्त,
ReplyDeleteअनाकार, निर्विचार
जीवन से परे-
या मृत्यु में घुल जाऊंगा?
bahut gahan ......bhed abhed karta hua kavya ...
किसी भी संशय से परे एक केंद्र..शाश्वत सा.. अति सुन्दर कृति..
ReplyDeletesukhad anubhuti huee aap tk pahuch kar . kushal hindi writing ke lie vishesh dhanyawad. p-anilpandey.blogspot.com par bhi ek bar padharen.
ReplyDeletegood , read and follow me also
ReplyDeleteअत्यंत प्रभावपूर्ण !!!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति बहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
ReplyDeletehttp://madan-saxena.blogspot.in/
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कल 07/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
sunder shabd chayan liye hue sunder rachna.
ReplyDeleteshubhkamnayen