जीवन का मदिरालय प्यारा,
भांति-भांति से भरता प्याला,
रंग हो चाहे जो हाले का,
नशा सभी ने जम के पाला।
ज्यों ही एक नशे की सरिता
करे पार, हो जाए किनारा,
त्यों ही दूजी सरिता आकर
मिल जाए, बह जाए किनारा।
हर पग रुकता, थमता-झुकता,
फिर भी आगे बढ़ता रहता,
कौन नशा जीवन से बढ़कर-
डगमग में भी स्वयं संभलता!
हर निशा में एक मधु है,
हर तम लाती एक नशा है,
हो अधीर फिर भी है पीता,
भूले स्मृति-उसकी मंशा है।
लेकिन भूल कहाँ पाता है!
स्मृतियाँ फिर भी आती हैं।
और नशे में नित-नित नव-नव
श्रृंखलाएं बनती जाती हैं।
मगर अंत में एक प्रकाश फिर
अंतस उज्जवल कर जाता है,
बड़े जतन से जाते जाते
ही लाइफ का हैंग-ओवर जाता है!
Picture Courtesy: Priyadarshi Ranjan
बहुत खूबसूरती से शब्द और भाव बुने हैं आपने मधुरेश भाई. बधाई हो.जीवन के नशे का भी जवाब नहीं. कितनी बार मदमत्त होते है, कितनी बार हैंगओवर होता है और कई बार नशा चढ़ ही नहीं पाता है(लेवेल ज्यादा हो तो :) )
ReplyDeleteजीवन का मदिरालय प्यारा,
भांति-भांति से भरता प्याला,
रंग हो चाहे जो हाले का,
नशा सभी ने जम के पाला।
बिलकुल सच लिखा है. ये जीवन है तो रंग देख पाते हैं. मगर चश्म साकी की हो तो देखिये जिगर मुरादाबादी साब क्या कहते है- :)
वही सहबा है, वही सागर है वही पैमाना है
चश्म-साकी है कि मयखाने का मयखाना है
क्या बात कही मधुरेश....
ReplyDeleteजीवन का नशा है ही ऐसा...बस कोई सुन्दर साथ हो पीने वाला तो धुत रहें सब..हमारी बला से...
सस्नेह
अनु
सुन्दर अभिव्यक्ति..बहुत सुंदर कविता ..
ReplyDeleteजिन्दगी ही एक नशा है..बहुत सुंदर कविता ..शुभकामनाएं मधुरेश..
ReplyDeleteहर निशा में एक मधु है,
ReplyDeleteहर तम लाती एक नशा है,
हो अधीर फिर भी है पीता,
भूले स्मृति-उसकी मंशा है।
सुंदर विचार, सुंदर प्रस्तुति.
जिंदगी में कई नशा है, जीने की नशा सबसे प्रभावशाली है
ReplyDeleteअति- मनोहर रचना I बहुत खूब II
ReplyDeleteलेकिन भूल कहाँ पाता है!
ReplyDeleteस्मृतियाँ फिर भी आती हैं।
और नशे में नित-नित नव-नव
श्रृंखलाएं बनती जाती हैं।
जीने की राह आसान हो जाती है ...।
रचना एक खूबसूरत पैगाम दे रही
शुभकामनायें !
क्या लाइफ का हैंगओवर कभी जाता है...!!!!
ReplyDeleteलेकिन भूल कहाँ पाता है!
ReplyDeleteस्मृतियाँ फिर भी आती हैं।
और नशे में नित-नित नव-नव
श्रृंखलाएं बनती जाती हैं।,,,,
जीवन को जीना भी एक नशा है ,आभार
Recent Post : अमन के लिए.
जीवन एक मदिरालय ही तो है,बेहतरीन रचना.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर....बेहतरीन प्रस्तुति!!!
ReplyDeleteपधारें "आँसुओं के मोती"
.बहुत सुंदर कविता .......... मगर अंत में एक प्रकाश फिर
ReplyDeleteअंतस उज्जवल कर जाता है,....................
मदहोश कर देने वाली
ReplyDeleteसुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
डूबें रहें, जीते रहे..... सुंदर लिखा है
ReplyDeleteBahut khub...
ReplyDeleteक्या बात है बहुत ही सुन्दर कुछ यूँ लगा की बच्चन साहब की मधुशाला हो जैसे ।
ReplyDeleteहर पग रुकता, थमता-झुकता,
ReplyDeleteफिर भी आगे बढ़ता रहता,
कौन नशा जीवन से बढ़कर-
डगमग में भी स्वयं संभलता!
ज़िन्दगी में कई नशे होतें है ,सब का अपना अपना खुमार होता है ,कब भूलता है, कब थामता है ,कब थमता है इसका अंदाज नहीं लग पता.सच ज़िन्दगी ही एक नशा है.
सुन्दर रचना
यूँ तो सभी छंद बहुत भावपूर्ण और प्रभावशाली, लेकिन यह सबसे ज्यादा पसंद आया...
ReplyDeleteहर पग रुकता, थमता-झुकता,
फिर भी आगे बढ़ता रहता,
कौन नशा जीवन से बढ़कर-
डगमग में भी स्वयं संभलता!
लाइफ का हैंग ओवर उसी दिन जिस दिन अंतिम साँस... यही सच है, सभी जीवन का. उत्कृष्ट रचना के लिए बधाई.
बहुत बढ़िया..जीना भी किसी नशे से कम नहीं ...
ReplyDeleteहर पग रुकता, थमता-झुकता,
ReplyDeleteफिर भी आगे बढ़ता रहता,
कौन नशा जीवन से बढ़कर-
डगमग में भी स्वयं संभलता .... और दिखाता मधुशाला
This line stands out, 'कौन नशा जीवन से बढ़कर'
ReplyDeleteLovely read.
बहुत सुन्दर लेखन |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
बहुत सुंदर प्रस्तुति......
ReplyDeleteWonderful read ! liked it
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteहर निशा में एक मधु है,
ReplyDeleteहर तम लाती एक नशा है,
हो अधीर फिर भी है पीता,
भूले स्मृति-उसकी मंशा है।
बहुत बढ़िया लेखन
'बड़े जतन से जाते जाते
ReplyDeleteही लाइफ का हैंग-ओवर जाता है!'
well said!
पिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!
ReplyDeleteकई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !
ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं (27) मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !