ज़मीं पर है तू मगर मकां आसमां है तेरा,
ये हकीक़त जो है, सपनों से सजा ही तो है,
नींद आँखों से हटा, सपनों का दीदार तो करा।
रुख़ हवाओं का भी बदलता है इक दौर के बाद,
भरके दम उनको इस सीने से गुज़रने तो दे ज़रा।
कोई रोके, कोई टोके, क्या ही परवाह हो किसी की,
तुझे जिसकी भी हो परवाह, कदम उस ओर तू बढ़ा।
कहीं थकना, कहीं गिरना, फिर संभलना है मधुर,
राह की राग है अनोखी, बस हो मन सुर से भरा।
Picture Courtesy: http://www.guernik.com/en/ilustracion
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ मधुरेश भाई. सपने जीवित रखने होते हैं वरना जीवन में संघर्ष की इच्छा ही खत्म हो जाए. ज़िन्दगी के सफ़र में तो कुछ दीये बुझते हैं और कई और जल जाते हैं. और यह क्रम चलता रहता है. मशहूर पाकिस्तानी शायर डॉ पीरजादा कासिम साब के शेर याद रहे हैं -
ReplyDeleteखून से जब जला दिया
एक दीया बुझा बुझा हुआ
फिर मुझे दे दिया गया
एक दीया बुझा बुझा हुआ
एक ही दास्ताँ-ऐ-शब
एक ही सिलसिला तो है
एक दिया जला हुआ
एक दीया बुझा बुझा हुआ
कहीं थकना, कहीं गिरना, फिर संभलना है मधुर,
ReplyDeleteराह की राग है अनोखी, बस हो मन सुर से भरा।
आत्मबल देती हुई ....बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति .....
Inspirational...
ReplyDeleteBahot sundar:-)
कहीं थकना, कहीं गिरना, फिर संभलना है मधुर,
ReplyDeleteराह की राग है अनोखी, बस हो मन सुर से भरा।
Bahut Umda....
कोई रोके, कोई टोके, क्या ही परवाह हो किसी की,
ReplyDeleteतुझे जिसकी भी हो परवाह, कदम उस ओर तू बढ़ा। -apni man ki karo
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शानदार प्रस्तुति भाई |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर ...
पधारें "चाँद से करती हूँ बातें "
कहीं थकना, कहीं गिरना, फिर संभलना है मधुर,
ReplyDeleteराह की राग है अनोखी, बस हो मन सुर से भरा।
मन में विश्वास जगाते भाव, बधाई.
inspirational .....
ReplyDeletefill ur lyf wid new spirit enthusiasm nd zeal ki every day u give ur best in whatever u do ......
after loads of difficulties ek din to mera bhi aayega ...... :)
believe in u dat U CAN ND U WILL DO IT !!!!
बहुत ही सुंदर रचना,,,
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनायें!
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ReplyDeleteकल दिनांक 24/03/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
बहुत खुबसूरत आत्मबल प्रदान करती पोस्ट।
ReplyDeleteरुख़ हवाओं का भी बदलता है इक दौर के बाद,
ReplyDeleteभरके दम उनको इस सीने से गुज़रने तो दे ज़रा.,,
बहुत खूब ... बिलकुल बदलता है हवाओं का रुख ... पर क्या पता वो रुक न जाएं सीने में कहीं ... लाजवाब अभिव्यक्ति ...
होली की बधाई ..
रुख़ हवाओं का भी बदलता है इक दौर के बाद,
ReplyDeleteभरके दम उनको इस सीने से गुज़रने तो दे ज़रा।
...वाह! बेहतरीन ग़ज़ल...होली की हार्दिक शुभकामनायें!