एक बार एक बिल्ली-
बड़ी प्यारी-सी, दुलारी-सी बिल्ली,
एक चूहे पे मर मिटी.
चूहा बिचारा,छोटा, नादान,
बिल्ली को पीछा करता देख,
हो गया परेशान.
जब भी बिल्ली approach मारती,
चूहा फटाक से भाग खड़ा होता.
करता भी क्या, क्या जान अपनी खोता?
बिल्ली अनबुझ-सी सोचती रहती
कि कैसे बताऊँ
darling मैं जान लेना नहीं,
देना चाहती हूँ.
मैं बाकी बिल्लियों सी नहीं
मैं बहुत अलग हूँ, जुदा हूँ.
पर कैसे कहूँ कि तुमपर फ़िदा हूँ!
प्रेम-पथ भी कितना
असमंजस भरा है!
होना था निर्भीक औ'
भयभीत खड़ा है!
बिल्ली बिचारी frustrated ,
full glass चढ़ा गयी.
चढ़ाया भी ऐसा कि फुर्ती में आ गयी.
पटका glass औ' सरपट दौड़ी,
हुआ सामना, दोनों भागे.
बिल्ली पीछे, चूहा आगे.
धर-पकड़ औ' भागम-भाग!
इधर कुँवा, औ' उधर आग!
पर खेल का होना था अंत
चूहा फंसा, रास्ता था बंद.
आँखें मूंदी, किया नमन,
बची थी उसकी साँसे चंद.
बिल्ली अब आगे बढ़ी,
कहा i love you ,
of course थी चढ़ी!
किया आलिंगन,
दिया चुम्बन!
चूहा स्तब्ध रह गया,
एकदम निशब्द रह गया!
Picture Courtesy: http://cute-n-tiny.com/cute-animals/cat-and-rat-pals/