Entropy-ism 2
संकीर्णता
विवेक की,
विस्तार ढूँढती है!
साधना के
अनुपम सोपान से,
साकार ढूँढती है!
जो निश्चित है,
निरंतर है,
हर बार ढूँढती है!
इक ललित लय में
विलय का
आधार ढूंढती है!
संकीर्णता ही तो है जो,
विस्तार ढूँढती है!
Picture: Thosegarh Plateau, Satara, Maharashtra, India
इक ललित लय में
ReplyDeleteविलय का
आधार ढूंढती है!
बहुत उत्तम पंक्तियाँ हैं...
हमें हमेशा याद रहेगी!