सपनें जहाँ बसते थे,
अरमान जहाँ जगते थे,
बयां करती थी जो हर पल
दिल के उमंगों को,
वो आज यूँ ख़ामोश हैं
जैसे फूल हो खिज़ा के.
तुम्हारी सजल आँखें.
Picture Courtsey: http://www.paintingsilove.com/image/show/127127/sadness
Dedicated to my Dad, from whom I inherit writing six liners.
bahut sundar prastuti.........shabda chayan sundar
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