Tuesday, February 16, 2010

अमृत और विष


अमृत और विष
इस धरा पर,
साथ साथ मिलते हैं.
किसने कहा कि उसे
खुशियाँ ही न मिली?
और कौन है यहाँ जो
ग़म में न डूबा हो?
यहाँ पर हर मुस्कान
आंसू कि धारा में बहती है.
और हर दर्द में
एक ख़ुशी छिपी होती है.

Picture Courtesy: http://melissaayr.com/tag/abstract/ 

1 comment:

  1. यहाँ पर हर मुस्कान
    आंसू कि धारा में बहती है.
    और हर दर्द में
    एक ख़ुशी छिपी होती है.
    बिलकुल मेरे मन की बात!

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