Madhushaalaa: The Nectar House
...'coz love is all there is!
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कथा
Tuesday, May 25, 2010
पूर्णमासी
एक आँख में काजल,
दूसरे में बादल
छाए हुए हैं,
कहाँ उदासी है?
घेरे में टूट रहा है
'चाँद' का दम,
और सभी समझते हैं,
आज पूर्णमासी है.
This is not my composition, it is my dad's, who has always been a great source of inspiration for me.
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