Wednesday, November 27, 2013

यात्रा


इच्छाओं का बहाव
विपरीत, प्रतिकूल।
जीवन की तलाश में 
मृत्यु का सा शूल।
दुर्गम जटिल पथ 
सदा सम्बलदायक।
परा-शक्ति पर करती
अंतस को उन्मूल।
जो गिरता सो उठता,
उठा हुआ गिर जाता, 
जो भूला सो सीखा,
जो सीखा करता भूल।
ख़ाक छान ही बना सिकंदर,
और बनके फांके धूल!

Picture Courtesy: Illusion of depth by Ariel Freeman http://arielfreeman.blogspot.com/