'नेताजी' सुभाषचंद्र बोस आज अगर होते, तो फिर से उन्हें एक 'आजाद हिन्द फ़ौज' बनानी पड़ती, वो भी अपने ही हिन्दुस्तानियों के खिलाफ लड़ने के लिए। एक गीत उनकी प्रेरणा से:
क्यों कलरव का है ग्रास बना?
क्यों कलरव का है ग्रास बना?
क्यों शिथिल आत्म-विश्वास बना?
क्यों नियति का है दास बना?
उठ के हुंकार पुरजोर लगा।
क्यों क्षुब्ध हुआ, संवेदनहीन?
क्यों बना समाज चरित्रविहीन?
तप-ताप बढ़ा, हो नष्ट मलिन,
उठ के हुंकार पुरजोर लगा।
तज क्लीय तू पौरुष मन में ठान,
कर वध जो करे स्त्री अपमान,
हो इस समाज का नवर्निर्माण,
उठ के हुंकार पुरजोर लगा।
'जय हिन्द'
Picture Courtesy: http://www.flickr.com/photos/humayunnapeerzaada/6480943555/
राष्ट्र हित मे आप भी जुड़िये इस मुहिम से ...
http://www.change.org/petitions/set-up-a-multi-disciplinary-inquiry-to-crack-bhagwanji-netaji-mystery#share
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