Madhushaalaa: The Nectar House
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Wednesday, November 17, 2010
तुम्हारी प्यारी बातें
अब जाना है मैंने
कि एहसास होता है कैसा,
बाँछों के खिल जाने में.
अब जाना है मैंने
कि ख़ुशी होती है कितनी,
पुरानी बातें याद आने में.
भूली बिसरी यादें,
बिन निंदिया की रातें,
याद आती हैं मुझे,
तुम्हारी प्यारी बातें.
3 comments:
rnoytt
November 17, 2010 at 12:05 PM
मस्त लिखा है भाई तुमने!
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Ajit
November 17, 2010 at 2:08 PM
short and sweet
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purvi tiwari
January 3, 2011 at 12:07 AM
infi pyara likha h .....
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मस्त लिखा है भाई तुमने!
ReplyDeleteshort and sweet
ReplyDeleteinfi pyara likha h .....
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